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हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस को दिया समर्थन, सरकार अल्पमत में

 08 May 2024

लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। हरियाणा में तीन निर्दलीयों विधायकों ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दे दिया हैं। मंगलवार को हरियाणा के पूर्व मुख़्यमंत्री की मोजुदगी में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया। निर्दलीय विधायकों में पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान शामिल हैं। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बीजेपी को न सिर्फ़ लोकसभा चुनाव में बड़े नुक़सान की आशंका है, बल्कि राज्य में भी सरकार अल्पमत में आ गई है।



किसानों से जुड़े मामले को लेकर वापस लिया समर्थन


नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा,  ‘हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे है। हम कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं। हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है।’ इन विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का भी मुद्दा उठाया।



कांग्रेस ने क्या कहा 


हरियाणा विधानसभा के विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इन निर्दलीय विधायकों का स्वागत किया और उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही हरियाणा में रुझान आने शुरू हो गए हैं। हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। नायब सिंह सैनी सरकार अब अल्पमत में आ गई है। सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्हें एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है। भान ने विधानसभा चुनाव को तुरंत करने की मांग की।



हरियाणा के मुख्यमंत्री ने क्या कहा


हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस अपनी इच्छा पूरी करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि विधायकों की कुछ इच्छाएं होती है। शायद आजकल कांग्रेस इच्छाएं पूरी करने में लगी है। लोग जानते हैं कि किसकी इच्छा क्या है। कांग्रेस को जनता की इच्छा से मतलब नहीं है, उन्हें तो अपनी इच्छाओं से मतलब है।



हरियाणा विधानसभा की वर्तमान स्थिति


हरियाणा विधानसभा में 90 विधानसभा की सीट है और बहुमत के लिए 46 सीटें होना चाहिए। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 सीट बची है दो सीटें खाली होने से बहुमत के लिए 45 विधायक चाहिए। बीजेपी के 40 विधायक, 2 निर्दलीय और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी का समर्थन भी बीजेपी को है। इस तरह बहुमत के लिए बीजेपी को अभी भी दो विधायकों की ज़रूरत है।


कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं और 3 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है। जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। एक विधायक आईएनएलडी का है। एक और निर्दलीय विधायक कांग्रेस के संपर्क में है और इसको समर्थन दे सकता है। अगर इन सभी को मिला दे तो कुल 45 सीट हो जाएगी।